पारस प्रेम कानपुर न्यूज़

तब्लीगी जमात के कहर से शहर के चार ग्रामीण के दो इलाकोंं को रेड जोन घोषित किया








कानपुर। शहर में आई तब्लीगी जमातों का क्हर ऐसा टूटा कि इलाके रेड जोन में आने लगे। एक ही दिन में छह लोगों के संक्रमित पाए जाने से मची खलबली के बीच प्रशासन ने जमात का संक्रमण रोकने के लिए नगर के चार और ग्रामीण क्षेत्र के दो इलाकों में रेड जोन का बैरियर लगा दिया है। इन जगहों पर लोगों की आवाजाही रोक दी गई है। कोरोना वायरस से संक्रमित मिले जमाती जिन-जिन मस्जिदों में गए थे, उनकी ट्रैकिंग होगी और संपर्क में आए लोग चिह्नित किए जा रहे है। हुमांयू मस्जिद में जमातियों से मिले 20 लोगों को चिह्नित किया गया है। जमातियों की ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर शहरी क्षेत्र के चार और ग्रामीण क्षेत्र के दो इलाके रेड जोन घोषित कर बेरीकेटिंग कर दी गई।


लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पीएसी लगाई गई है।

एसएसपी अनंत देव ने बताया कि शुक्रवार को आइ रिपोर्ट में संक्रमित बताए गए छह जमाती दो अलग-अलग जमात के हैं। दो संक्रमित अफगानी उस जमात से हैं जिसके आठ विदेशी सदस्य 14 मार्च और तीन भारतीय 18 मार्च को चमनगंज की हलीम प्राइमरी वाली मस्जिद मे ठहरे थे। दो-तीन दिन रुकने के बाद सभी कर्नलगंज की हुमायूं मस्जिद गए और नौबस्ता की खैर मस्जिद होते हुए बाबूपुरवा की सुफ्फा मस्जिद पहुंचे। दूसरी जमात घाटमपुर और सजेती की बरीपाल स्थित बड़ी मस्जिद में ठहरी थी। यही दल कानपुर देहात के गजनेर और कैंथा में भी धर्म प्रचार के लिए गया और तीन दिन रुका। कानपुर देहात प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी है। ट्रैवल हिस्ट्री के मुताबिक जमाती जिन छह मस्जिदों में गए थे, उनका एक किमी परिधि का इलाका रेड जोन घोषित कर बेरीकेड कर दिया गया है। सीमाएं सील कर पीएसी तैनात कर दी गई है। कोरोना संक्रमित जमाती इन इलाकों में रुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि यहां संक्रमण तेजी पकड़ सकता है। इसीलिए एहतियातन इन्हें सील कर दिया गया है। मरकज में जाने की छावनी के गोलाघाट क्षेत्र में रहने वाला परिवार क्वारंटाइन है। शुक्रवार को पुलिस ने एहतियातन घर की ओर जाने वाले रास्ते बंद कर दिए हैं। एक बेरीकेड सेंट मेरी स्कूल के सामने भी लगाई गई है। फीलखाना के पटकापुर स्थित मीर महमूद मस्जिद में कोरोना कंट्रोल रूम की टीम पहुंची और गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की। किसी में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। चमनगंज में हलीम प्राझमरी वाली मस्जिद, कर्नलगंज में हुमायूं मस्जिद, नौबस्ता में खैर मस्जिद, बाबूपुरवा में सुफ्फा मस्जिद, सजेती में बरीबाल स्थित बड़ी मस्जिद, घाटमपुर की मस्जिद है।

सभी मस्जिद की एक-एक किमी परिधि में बेरीकेडिंग लगाकर आने-जाने वालों पर पाबंदी लगाई जाएगी। सभी मस्जिदों और आसपास के इलाके को सैनिटाइज़ किया जाएगा। शुक्रवार को चमनगंज की हलीम प्राइमरी मस्जिद सैनिटाइज की गई। मस्जिदों में आने-जाने वालों का पता लगाकर सभी का चेकअप होगा। लक्षण मिलने पर कोरोना वायरस की जांच कराई जाएगी। जमातियों से मिलने बाले ऐसे लोगों को तलाशा जाएगा, जिनका सामाजिक दायरा बड़ा है। इन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा।

 

स्वयसेवी संस्थाओं ने प्रधानमंत्री राहत कोष एवं प्रधानमंत्री केयर फंड़ मे दिया सहयोग

 

 कानपुर। कोविड-19 कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा सक्षम लोगों ने समाज सेवा के लिए अपने दोनों हाथों को खोल कर तन मन धन से देश सेवा कर रहे हैं जिसके क्रम में आज शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगभग 25000 हजार लंच पैकेट वितरण किए गए जबकि जिला प्रशासन द्वारा 103911 लांच पैकेट वितरण किया गया कुल 128911 लंच पैकेट वितरित हुए।


शिशिर अवस्थी द्वारा जिलाधिकारी को एक लाख रुपये की चेक प्रधानमंत्री कोष तथा एक लाख की सहायता राशि का चेक सद्भावना समिति कलेक्ट्रेट के नाम से दिया। इसी क्रम में महाप्रबंधक निखिल चंडोक और फार्मा मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष विशाल भार्गव ने 51 हजार रुपये की सहायता राशि का चेक प्रधानमंत्री केयर फंड तथा 51 हजार रुपये की चेक सद्भावना समिति कलेक्ट्रेट के नाम से  जिलाधिकारी को  कोविड-19 राहत कोष के लिए योगदान दिया।

 

लॉकडाउन के चलते ओपीडी की बढ़ाई फीस, महापौर ने दी चेतावनी

 

कानपुर। पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस जैसी महामारी से जूझ रही है भारत भी इससे अछूता नहीं है और वायरस के चलते केंद्र सरकार द्वारा 14 अप्रैल तक पूरे देश में लॉक डाउन घोषित किया गया है सरकार का इस समय पूरा ध्यान इस महामारी को रोकने पर है इसी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं को और सजग रखा गया है राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों को अलर्ट रहने का फरमान जारी किया गया है और महामारी को देखते हुए प्राइवेट अस्पतालों और चिकित्सकों को ओ पी डी संचालित करने की भी परमीशन जारी की है लेकिन चुन्नी गंज स्थित स्मार्ट केयर सेंटर अस्पताल लॉक डाउन का नाजायज फायदा उठा रहा है


लॉक डाउन के चलते स्मार्ट केयर हॉस्पिटल में ओपीडी की फीस ढाई गुनी कर दी गई है जहां पहले ओपीडी फीस ₹400 थी अब प्रति मरीज ₹1000 अस्पताल वसूल रहा है जब मरीजों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन तंत्र से की तो स्मार्ट केयर के मालिक डॉक्टर कलीम अहमद आपे से बाहर हो गए और कहा कि जो करना हो कर लो जब तक लॉक डाउन रहेगा फीस इतनी ही रहेगी अपनी बेटी का इलाज कराने आए हाशिम ने बताया कि मेरी बेटी का इलाज बहुत पहले से इस अस्पताल में चल रहा है पहले हमसे ₹400 फीस ली जाती थी लेकिन आज हमसे ₹1000 वसूला गया जब मैंने इसका विरोध किया तो अस्पताल का स्टाफ मारपीट पर उतारू हो गया और कहा कि चाहे जो कुछ करना हो कर लो फीस इतनी ही लगेगी इसी तरह इलाज कराने आए गौरव कुमार यादव ने बताया कि उनसे भी ₹1000 फीस के नाम पर वसूले गए हैं लोगों ने जब इसकी सूचना नगर की महापौर प्रमिला पांडे को दी तो उन्होंने स्वयं मौके पर आकर डॉक्टर से बात की और कहां कि किसी भी हालत में उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा अगर फीस बढ़ाई तो निश्चित रूप से कार्यवाही होगी वही हाशिम का कहना है कि उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की है और वह चाहते हैं कि अस्पताल पर उचित कार्यवाही की जाए क्योंकि इस समय संकट की घड़ी में प्रशासन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रहा है और यह डॉक्टर मरीजों को लूट रहा है।

कोरोना मिशन में लगे सफाई कर्मचारियों को  सम्मान में फूल भेट कियें

 

कानपुर। भारतीय जनता पार्टी के तत्वाधान में वरिष्ठ भाजपा नेता वीडी राय की अध्यक्षता में सफाई कर्मचारियों का फूल देकर सम्मानित किया गया। जानकारी देते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता वीडी राय ने बताया कि सफाई कर्मचारी जिस प्रकार से इस महामारी के समय में अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कर रहे हैं उसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है इसीलिए आज महिला एवं पुरुष सफाई कर्मचारियों का फूल देकर सम्मान किया गया।


भाजपा के वरिष्ठ नेता वीडी राय ने बताया कि प्रतिदिन सुबह-सुबह पूरे क्षेत्र में जनता कर्फ्यू होने के बावजूद साफ सफाई का मेहनत से इन सफाई कर्मचारियों ने कार्य किया उनका हौसला अफजाई किया । आज घंटाघर स्थित गणेश मंदिर  के निकट सफाई कर्मचारियों का जिसमें महिला सफाई कर्मचारी व पुलिस पुरुष सफाई कर्मचारी उपस्थित थे इस दौरान, सफाई नायक आनंद ,सफाई कर्मचारी मालती ,मुन्नी ,रेखा ,जितेंद्र ,संजय सहित 15 कर्मचारी उपस्थित थे।

 

इस वर्ल्ड हेल्थ डे पर बादाम के साथ तंदुरुस्तद रहना चाहिये

 

कानपुर। हर वर्ष वर्ल्डन हेल्था डे अलग.अलग सेहत की थीम के इर्द.गिर्द हमें जागरूक करने के अभियान के तौर पर मनाया जाता है, जो दुनिया भर के लोगों के उचित शारीरिक विकास और तंदुरुस्ती के लिए बहुत ज्यादा जरूरी है। इस वर्ष की थीम यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज ;यूएचसीद्ध पर केंद्रित है। इस थीम ने एक ऐसी प्रमुख चिंता की ओर लोगों का ध्यान दिलाया हैए जिसका आज दुनिया के विभिन्न देश सामना कर रहे हैं।आज दुनिया भर के देशों की सरकारें और संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ आ रहे हैं। कि अलग.अलग लोगों और विभिन्न समुदायोंए हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। इसके लिए उन्हें रुपये.पैसे की किसी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े। यह दिन इसलिए भी जरूरी है कि हम अपने परिवारों और अपनी सेहत के प्रति कुछ योगदान कर सकें। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर अपनी लाइफस्टाइल में थोड़े.बहुत बदलाव कर अपनी सेहत का रिमोट कंट्रोल हम अपने हाथ में रख सकते हैं।स्वस्थ रहने का सबसे अच्छा तरीका अपने खान.पान की पसंद को बेहतर बनाना और सही स्नैक्स का चुनाव करना है। बादाम जैसे नट्स शरीर को 15 तरह के पोषक तत्व देने का स्त्रोत हैंए जिसमें विटामिन ईए मैग्नीशियम प्रोटीन राइबोफ्लेबिन और जिंक शामिल है। इसके अलावा बादाम हमारी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।  यहां पर वह तीन महत्वपूर्ण कारण दिए जा रहे हैं कि आखिर क्यों आपको बादाम को अपने रोजाना की डाइट में शामिल करना चाहिए।दिल की सेहत के लिए बादाम

कार्डियोवैस्कुलर रोग ;सीवीडीद्ध कई तरह के दिल के रोगों का मिला.जुला रूप होते है। जिसमें दिल के दौरों और रक्तवाहिकाओं के रोग शामिल होते हैं। ब्लड वेसल्स या रक्तवाहिकाएं हमारे अंगों को स्वस्थ रखती हैं। दिल के रोग भारत समेत दुनिया भर में मौत का सबसे प्रमुख कारण है।  देश में इस स्थिति का सबसे प्रमुख कारण भारतीयों की लाइफस्टाइल हैए जिनमें पर्याप्त शारीरिक गतिविधि न करनाए ज्यादा मीठा और तला.भुना ज्यादा खाना और फैट्सए ट्रांसफैट और कोलेस्ट्रोल से भरपूर डाइट लेना शामिल हैं। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में प्रकाशित भारतीय न्यूट्रिशन और कार्डियोवैस्कुलर रोगों के एक्सपर्ट पैनल की समीक्षा प्रकाशित हुई थीए जिसमें बताया गया कि बादाम को अपने रोजाना के भोजन में शामिल कर आप डिस्लिपीडेमिया को कम रख सकते है। जो भारतीयों में दिल के रोग होने का प्रमुख जोखिम कारक है।